(1) फूलों की कहानी लिखी बहारों ने ,रात की कहानी लिखी सितारों ने ,
राजपूत नहीं किसी कलम के गुलाम ,राजपूतों की कहानी लिखी तलवारों ने !!!!!!!
(2 )जिन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी हे ,हमारे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है !
अभी तो नापी हे सिर्फ मुट्ठी भर जमीन ,आगे सारा आसमान अभी बाकी हे !!!!!!!
(3 )
By-महेंद्र सिंह भाटी S/O भँवर सिंह भाटी
जान सिंह की बेरी (हरसानी)
शिव- बाड़मेर राजस्थान
मोबाइल नंबर 9633120573, 7359421708
7359421708

राजपूत नहीं किसी कलम के गुलाम ,राजपूतों की कहानी लिखी तलवारों ने !!!!!!!
(2 )जिन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी हे ,हमारे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है !
अभी तो नापी हे सिर्फ मुट्ठी भर जमीन ,आगे सारा आसमान अभी बाकी हे !!!!!!!
(3 )
By-महेंद्र सिंह भाटी S/O भँवर सिंह भाटी
जान सिंह की बेरी (हरसानी)
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सिरमुर हिमाचलप्रदेश ,पंजाब पटियाला और उतरप्रदेश में भाटियों की साखएं
:: हिमाचल प्रदेश में भाटी :: जैसलमेर से भाटियों की ऐक साखा उतर में ऊपर पहाड़ों में चली गयी थी | उस साखा ने वहां दो राज्य १. सिरमोर २. बालसन स्थापित किये थे | जिनका उधर जाना करीब वि. सं. ११६२ तथा १०९५ मानते है | सिरमोर राज्य की राजधानी नाहन थी | राज्य का क्षेत्रफल १०४६ किमी. था | यहाँ के शासक को अंग्रेजी राज्य द्वारा 11 तोपों की सलामी दी जाती थी | जयपुर की वर्तमान साहिबा पद्मिनी देवी जो सिरमोर की राजकुमारी है | :: पंजाब में भाटी :: जैसलमेर से भाटियों की ऐक और साखा 13 वीं शताब्दी में चली गयी थी | जैसलमेर के राव जैसल ... अधिक »
२०६ महारावल गिरधर सिंह २०७ महारावल रुघनाथ सिंह २०८ महारावल ब्रजराज सिंह
:: २०६ महारावल गिरधरसिंह (भाटी 67 ):: महारावल गिरधरसिंह 17 फरवरी सन १९४९ ई. को राजसिंहासन पर बिराजे | आपका जन्म 13 नवम्बर १९०७ ई. में हुआ इनका प्रथम विवाह नरसिंहगढ़ के उमट पंवार अर्जनसिंह की पुत्री दमयंती तथा दूसरा विवाह अमरकोट के सोढा ठा, भेरूसिंह के पुत्री हवाकंवर से हुआ था | इनके पुत्र १ रुघनाथसिंह २ चन्द्रवीरसिंह है | महारावल सरल प्रक्रति के बुद्धिमान व् होनहार थे | इन्होने मेयो कालेज अजमेर से डिप्लोमा तक सिक्षा प्राप्त की | आप राज कार्य में प्रतिदिन दीवान साहब के साथ महकमे खास में बैठकर पूरा भाग लेते थे | राज्य कार्य में आपका खासा अनुभव हो गया था |... अधिक »
२०५ महारावल जवाहरसिंह (भाटी 66) १८९१ ई.
:: २०५ महारावल जवाहरसिंह :: महारावल जवाहरसिंह जी दानसिंह को पदच्युत करके संवत १९१७ के आषाढ सुदी ३ तारिख 26 जून १९१४ ई.को जैसलमेर राज्य सिंहासन पर बिराजे | आपका जन्म सन 18 नवम्बर १८८२ संवत १९३९ कार्तिक सुदी ८ शनिवार को हुआ | आप की आयु 32 साल सिंहासन पर विराजे उस समय थी | आपने अजमेर में कालेज शिक्षा ग्रहण की | और क्रेडिटकोर देहरादून में फौजी शिक्षा भी प्राप्त की | आप सम्राट द्वारा सन १९१८ की जनवरी को के .सी.एस.आई की उपाधि से विभुसीत किये गए | जैसलमेर राज्य सिंहासन पर सुशोभित होने से पूर्व इनका प्रथम विवाह लूणार के सोढा सोहन सिंह की पुत्री लाछक... अधिक »
२०३ महारावल सालीभान और महारावल दानसिंह २०४
:: २०१ महारावल सालिभान :: महारावल बैरिशाल जी के लघु भ्राता लाठी ठाकुर कुशालसिंह के पुत्र महारावल सालिभान संवत १९४७ वि.फागुन वदी 30 को जैसलमेर के राज्य सिंहासन पर विराजे | उस समय आपकी आयु ५ साल थी | महारावल सालिभान के समय राज कोष खाली था | राज्य पर कर्जा भी काफी था | राज्य कार्य वेस्टर्न राजपुताना स्टेट रेजिडेंट की देखरेख में राय बहादुर मेहता जगजीवन की अध्यक्षता में रीजेंसी कोंसील द्वारा होता था | परन्तु मेहता जगजीवन राम देश की रीति -रिवाज से वाकिफ नहीं था | अतः रीजेंसी में कार्य सुचारू रूप से नहीं होने के कारन प्रजा में असंतोष था | ऐक दिन तोलाराम... अधिक »
202 महारावल बेरीसाल ( भाटी 63 ) १८६३ ई.
:; 202 महारावल बेरीसाल :: महारावल रणजीतसिंह की म्रत्यु के बाद संवत १९२० एकम गुरुवार को उनके लघु भ्राता महारावल बेरीसाल राजसिंहासन पर बिराजे |पहले तो इन्होने झगड़े और कुप्रबंध के कारन सिंहासन पर बेठने से मना कर दिया था | परन्तु तत्कालीन ए.जी.जी.कर्नल इडन द्वारा समझाए जाने पर हि उन्होंने राज भार संभाला | इनेक राज्य संभालने के कुछ समय बाद हि भारी दुष्काल पड़ा | महारावल ने राजकोष से द्रव्य व्यय कर अपनी पिर्य प्रजा की रक्षा की | इनका विवाह सोढा अमरसिंह की पुत्री तथा दूसरा विवाह बिशनसिंह की पुत्री से हुआ | इनेक समय में भी केसरसिंह हि राज्य सञ्चालन करते ... अधिक »
201 महारावल रणजीतसिंह (भाटी 62 ) कोट नाचणा व् देवा का निर्माण
:: 201 महारावल रणजीतसिंह :: महारावल रणजीतसिंह महारावल गजसिंह के लघु भ्राता केसरसिंह के बड़े पुत्र थे | १९०२ वि.में आषाढ़ सुदी ५ को १८४५ ई. में जैसलमेर के राज सिंहासन पर बिराजे | उस समय उनकी आयु महज ३ वर्ष थी | अतः राज्य भार उनके पिता केशरसिंह ने आपने हाथ में लिया | ये पढ़े लिखे व् बुद्धिमान थे | उन्होंने अल्प समय में हि आपने कार्य की कुशलता से राज्य की अच्छी उनत्ती की | बीकानेर और भावलपुर सरहदी झगड़े भी इसी समय अमल लाये गए | सं, १९०७ सरहद नबाब भावल पुर मीर मुराद अली खेरपुर से और सरकार अंग्रेजी गवर्मेंट सिंध से मेजर वीचर नकाल हदूद की हद्बन्धी करायी | संवत १... अधिक »
महारावल गजसिंह की उपलब्धियां गजरूप सागर का निर्माण बीकानेर व् जैसलमेर की संधि शाहगढ़ व् घोटाडू पुनः प्राप्त करना
:: बीकानेर व् जैसलमेरकी संधि :: सं.१८८५ के युद्ध के पश्चात सं.१८९१ वि.में भारत गवर्मेंट की तरह से कर्नल ट्री.वी पिग ने यहाँ आकर दोनों राज्यों में संधि स्थापित करवा दी | :: जैसलमेर व् जोधपुर राज्य के सीमा का निपटारा :: सं.१८९४ वि. में लेड्लो साहब जोधपुर जैसलमेर के राज्य सम्बन्धी सीमाओं का बंटवारा करवाया | :: भावलपुर के नवाब से शाहगढ़ व् घोटाडू पुनः प्राप्त :: महारावल गजसिंह ने काबुल युद्ध में ब्रिटिस सरकार की सहायता की इसलिए ब्रिटिस सरकार ने भाटी राज्य के शाहगढ़ व् घोटाडू भावलपुर के नवाब से वापिस लिये | महा... अधिक »
200 महारावल गजसिंह ( भाटी 61) १८१९ई. कुटिल सालमसिंह की हत्या ओर बीकानेर जैसलमेर का अंतिम युद्ध
:: महारावल गजसिंह :: महारावल गजसिंह वि.सं.१८७६ कार्तिक सुदी ५ को जैसलमेर के राजसिहासन पर विराजे | इनके ७ रानिया थी | १.ठा. सरुपसिंह सोढा की पुत्री मोतिकुंवर २.सोभागसिंह कोटडिया की पुत्री ३.जयसिंह सोढा की पुत्री हरिया कंवर ४.भीमसिंह बाड़मेरा की पुत्री सुरजकंवर बाड़मेर ५ गढ़ उदयपुर के राना भीमसिंह सिसोदिया की पुत्री रूपकंवर ६ कानोना के ठा.भोमकरण करनोत की पुत्री सहिबकंवर ७.ठा.सादुलसिंह सोढा की पुत्री से विवाह हुए | महारावल गजसिंह जी पाठ विराजे तब उनकी उम्र ५ वर्ष की थी | कुटिल मंत्री सालमसिंह ने बालक गजसिंह को महारावल बनाकर अपने को पूर्ण स्वतन... अधिक »
भानिदास जैसा भाटी
भानिदास - वीरमदे का द्वित्य पुत्र भानिदास राव चंद्रसेन की सेवा में रहे | राव चंद्रसेन जब बालरवा गाँव में रहे तब थे तो उसने थोरियों से लड़ाई की उस समय भानिदास मारे गए | इसके पुत्र भाखरसी को पहले चेराई फिर वि.सं.१६७७ में बेरू गाँव मिले परन्तु वह पट्टा छोड़कर संवत १६९३ में राठोड़ अमरसिंह के पास चले गए | इसके पुत्र जगन्नाथ को वि.सं.१६९५ को गोलावासणी गाँव मिला | भाखरसी का दूसरा पुत्र अमरा व् तीसरा सादूल व् चौथा जैतमाल हुए | सादूल के दो पुत्र सबला व् भावसिंह | भानिदास के दुसरे पुत्र सांवल दास को वि.सं.१६६१ में त्रिगठी ,वि.संवत १६६५ में बर्मावासनी और वि.सं.१६६६ को सांवतकुआ मिला | सांवलदास ने ब... अधिक »
199 महाराज मूलराज के वंशज (राजवी )१
इनकी डिटेल वंशवृक्ष में डाली जाएगी अभी सुविधा के लिए खेद है बस इसी जगह पर हि आएगी इसलिए
199 महारावल मूलराज द्वतीय ( भाटी 60 )१७६१ ई. और क्रूर सलिमसिंह मोहता और ईस्ट इंडिया से संधि दौलतसिंह तेजमालोत भाटी द्वारा
:: महारावल मूलराज द्वितीय (भाटी 60 ) १७६१ ई.:: महारावल मूलराज सं. १८१९ वि.१७६२ ई आसोज सुदी १ जैसलमेर के सिंहासन पर बैठे पर बिराजे | इनके रानिया १.चांपावत ठा.सेरसिंह की पुत्री आणंदकंवर २.कोटड़ा के कोटडिया ठा.वीरमदेव की पुत्री फूलकंवर ३.गढ़ बावली के चौहान राणा जयसिंह की पुत्री ४.पोकरण के ठा.सामसिंह की पुत्री फतेह्कंवर ५.जोधा ठा.नथराज की पुत्री लाडूकंवर ६.जसोल के ठा.महेचा इसरदास की पुत्री साहिब कुंवर ७. किसनगढ़ के जोधा बहादुरसिंह की पुत्री रूपकंवर ८.सोढा सुल्तानसिंह की पुत्री मया कंवर 9.चावड़ा ठाकुर रुघनाथसिंह की पुत्री खुमान कंवर १० कोटडिया ठा.दुर्जनसाल ... अधिक »
198 महारावल श्री अखेसिंह (भाटी 59 ) 1722 ई.और उनके द्वारा अखेशाही चांदी के सिक्के का प्रचलन और पदम्सिहोत भाटी टोटा गाँव
:;198 महारावल श्री अखेसिंह (भाटी 59 ) 1722 ई.:: महारावल श्री अखेसिंह वि.सं.1779 सावण सुद 14 को जैसलमेर के राजसिंहासन पर विराजे | इनके 10 रानिया थी १.सोढ़ी ठाकुर राजसिंह की पुत्री बनेकंवर २.अमरकोट के राणा हमीर की पुत्री भीम कंवर ३.कोटड़ा के कोटड़ीया रांणा माधव सिंह की पुत्री सरूप कंवर ४.खुहड़ी के सोढा गंगदास ठा. भेरूदास की पुत्री वखतकंवर | कुंवर ,मूलराज जीवो ने कोयर कराया व् सीता राम का मंदिर कराया ५.जसोल के महेचा रावल अजबसिंह की पुत्री वदन कंवर ६.गढ़ पाटोदी के जोधा ठाकुर सूरजमल की पुत्री सरूपकंवर ७.चौहान जी राणा पचान जी की पुत्री सोन कंवरा ८.चौह... अधिक »
195 महारावल बुद्धसिंह भाटी 56 (१७०७इ.) और 196 महारावल तेजसिंह (भाटी 57) १७२२ ई. लवारकी और महारावल सवाईसिंग भाटी 58 ( १७२२ई .)
:: 195 महारावल बुद्धसिंह (भाटी 56) 1707ई.:: रावल जगतसिंह के स्वर्गवास के बाद वि.सं. 1764 को जैसलमेर के सिंहासन पर बिराजे | ये नाबालिग थे अतः राज्य भार उनके पितृत्व तेजसिंह ने अपने हाथों में लेना चाहा परन्तु कृतकार्य न होने पर उसने बालक महारावल को अपनी ऐक दासी द्वारा विष दिलवा कर मरवा डाला और खुद राजसिंहासन पर बैठ गए | :: कुंडलिया : रावल श्री बुद्धसिंह जी बारस को भण बैसाख | सतरे सो चौसठ समंत बैठे पाद दे लाख | ... अधिक »
महारावल जसवंतसिंह के पुत्र :-सरदारसिंह( खारिया ) वीकमकोर,भवाद ,बिरलोका,पली गाँव की वंशवली
महारावल अमरसिंह महारावल जसवंतसिंह सरदारसिंह (खारिया ) भगवानदास |-----------------| सूरजमल कुशलसिंह उदैभाण |----------------| प्रथ्विराज दलकरण गेनसिंह (ज्ञानसिंह ) पीरदान रणजीतसिंह (गोद) भैरूसिंह बादरसिंह जयसिंह जुगतसिंह (गोद ) गिरधारीसिंह अमरसिंह विजयसिंह तेजसिंह हिम्मतसिंह कर्णसिंह विक्रमसिंह(व्) कल्याणसिंह नारायणसिंह (विकमकोर ) मदनसिंह देवीसिंह (व् ) मोहनसिंह (पली ) जयसिंह (व्) (भवाद ) ... अधिक »
महारावल जसवंतसिंह के वंशज सतो,भदड़ीया ,लाठी ,खारिया गाँव
१.महारावल जसवंतसिंह |----------------|---------------------|----------------| २.जुगतसिंह सूरजसिंह ईसरसिंह सरदारसिंह ३.जोरावरसिंह जोरावरसिंह गुमानसिंह भगवानसिंह ४.किशनसिंह दुर्जनसिंह रतनसिंह सालमसिंह ५.रुघनाथसिंह अवधूतसिंह इंद्रसिंह बाघसिंह ६.रामसिंह मुकन सिंह सेरसिंह भीमसिंह ७.अमरसिंह करनसिंह छत्रसिंह (गोद) अजीतसिंह ८.चमनसिंह जुहारसिंह खुसालसिंह मोडसिंह 9.धनसिंह रानिदानसिंह दानसिंह (खारिया ) १०.खेतसिंह(गो.)जसवंतसिंह (व्) (लाठी ... अधिक »
194 महारावल जसवंतसिंह (भाटी 55), सतो ,लाठी ,लवारकी पली ,बिलोका ,भवाद ,विकमपुर ,खारिया,रतलाम ,सुथरखेड़ा ,फूलखेड़ा ,भदड़ीया ,जांवध
::194 महारावल जसवंतसिंह (भाटी 55):: महारावल श्री जसवंतसिंह जी जैसलमेर के सिंहासन पर वि.सं.१७५९ को विराजे | इनके ६ रानिया थी | १.जसोल के महेचा रावल भारमल की पुत्री से विवाह २.अमरकोट के सोढा जयसिंह की पुत्री सुरज्कंवर से ३.कोटड़ा के कोटडिया ठाकुर हरिसिंह जी की पुत्री से ४.सोढ़ी जी ठा.गंगदास की पुत्री राजकंवर ५.खावड़ीयाणी जी ठाकुर सादूल की पुत्री रमाकंवर खावड़ की ६.गढ़ बाव के चौहान राजा गजसिंह की पुत्री से विवाह हुए तीन पुत्रिया १ .जगतसिंह २.इश्वरसिंह ३.तेजसिंह ४.सरदारसिंह ५.सुल्तानसिंह जी थे | महारावल जसवंतसिंह वृधा अवस्था में सिंहासन बिराजे थे | क... अधिक »
विजयसिंह पुत्र अमरसिंह भाटी के वंशज गाँव गोठड़ा ,ओसिया ,उम्मेदनगर व् गाजू ,बीठू ,सोडावास
महारावल अमरसिंह |-----------------|--------------|----------------| विजयसिंह गजसिंह |------------|--------------| दौलतसिंह सायबसिंह उम्मेदसिंह शेरसिंह सुल्तानसिंह आनंदसिंह दुर्जनसिंह जालमसिंह भवानीसिंह मोहब्बतसिंह सगतसिंह जोरावरसिंह रघुनाथसिंह नथराज सामसिंह देवीसिंह मानसिंह प्रथ्विराज अमानसिंह रणजीतसिंह रामसिंह (गोठड़ा) लिछमणसिंह रावतसिंह सूरजभानसिंह ... अधिक »
अमरसिंह के वंशज किरतसिहोत किरतास बीकानेर ,केसरसिहोत मेवाड़ में मुलोली ,पूचा,बरोड़ा,खरड़ी बावड़ी ,गजसिहोत बीकानेर गाजू गाँव ,जायसिहोत ओला जैसलमेर और अमसिहोत मालवा और शाहपुरा
:: किरतसिंहोत भाटी 142:: महारावल अमरसिंह के पुत्र कीरतसिंह के वंशज किरतसिंहोत भाटी कहलाये | इनके वंशज किरतास गाँव बीकानेर में निवास करते है | अमरसिंह के पुत्र सामसिंह के वंशज भी किरतास गाँव में निवास करते है | ::केसरसिंहोत भाटी 143:; महारावल अमरसिंह के पुत्र केशरसिंह व् जैतसिंह के वंशज केसरसिंहोत भाटी से जाने जाते है | इनका निवास मेवाड़ के चितोड़ गढ़ के मुलोली ,पूचा ,बरोड़ा ,खरड़ी बावड़ी आदी गाँव में है | :: गजसिंहोत भाटी 144 :: महारावल अमरसिंह के पुत्र गजसिंह के वंशज गजसिंहोत भाटी कहला... अधिक »
दीपसिंहोत भाटी १४० गाँव अवाय ,ओला और विजयसिहोत भाटी 141 ओसिया मुरोली ,गाजू ,कीरतसर ,सभी महारावल अमरसिंह के वंशज
:: दीप्सिहोत भाटी 140 अवाय व् ओला :: महारावल अमरसिंह के पुत्र दीपसिंह के वंशज दीपसिहोत भाटी कहलाये | इनका गाँव जैसलमेर जिले में अवाय व् ओला है अवाय के हुकुम सिंह पुलिस अधिक्षक पद से सेवानिवृत है | इनके सुपुत्र अजयसिंह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके है | माधोसिंह जी सेना से मेजर पद से सेनानिवृत हुए है | :: विजयसिंहोत भाटी 141 :: महारावल अमरसिंह के पुत्र विजयसिंह के वंशज विजयसिहोत भाटी कहलाये | इनके वंशज जोधपुर जिले के ओसियां गाँव व् उम्मेदनगर में निवास करते है | जोधपुर के महाराजा उम्मेदसिंह जी ने ओस... अधिक »
193 महारावल अमरसिंह भाटी 54 1659 ई. जिन्होंने ऍम,अमरसागर तालाब का निर्माण करवाया
:: महारावल अमरसिंह :: महारावल अमरसिंह संवत 1716 वि.को जैसलमेर के राजसिंहासन पर विराजे | इनके 13 रानिया थी | १.मेड़ता के ठाकुर भवसिंह की पुत्री दीपकंवर २.हलवद के झाला अणदसिंह की पुत्री अनोपकंवर ३.गढ़ रतलाम के जोधा राजा रतनसिंह की पुत्री प्रतापकुंवर ४.गाँव हरसोलाव के चांपावत महेसदाश की पुत्री दीपकंवर ५.जसोल के महेचा ठा. महासिंह जी की पुत्री चांपाकुंवर ६.सोढा जोगीदास की पुत्री रायकंवर ७.कोटड़ा के कोटड़ीया गोविन्ददास की पुत्री अमेद कंवर चार रानिया सती हुयी | पुत्री विजेकंवर गढ़ जोधपुर के जेसेजी ने परणाया | उदेकंवर बाई राजा अजीतसिंह ने परणाया गढ़ जोधपुर लाल बा... अधिक »
:: माहसिहोत भाटी 137 मेवाड़ में मोहि गाँव :: महारावल सबलसिंह के पुत्र माहसिंह के वंशज माहसिहोत भाटी कहलाये | इनके वंशज मेवाड़ के मोहि गाँव में निवास करते है | :: बांकीदासोत भाटी 138 पीथला गाँव :: महारावल सबलसिंह के पुत्र बाँकीदास के वंशज बांकीदासोत भाटी हुए | इनके वंशज जैसलमेर के पीथला गाँव में निवास करते है | :: रतनसिहोत भाटी 139 कानोध:: महारावल सबलसिंह के पुत्र रतनसिंह के वंशज रतनसिहोत भाटी कहलाये | इनके वंशज जैसलमेर में कानोद गाँव में निवास करते है | भारत -पाक युद्ध 1965 में भ...